आश्रय लेना मनुष्य का स्वभाव है .

आश्रय लेना मनुष्य का स्वभाव है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, और उसकी प्रवृत्ति में आश्रय लेना एक प्राकृतिक प्रक्रिया रही है। जन्म से लेकर मृत्यु तक, मनुष्य किसी-न-किसी रूप में आश्रय लेता है — कभी माता-पिता का, कभी समाज का, कभी प्रकृति का, तो कभी ईश्वर का। यह आश्रय केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक, […]